तुम उस राज़ को राज़ रहने दो
जो कह न पाया आज कहने दो
मैं खुद को ही बहलता रहा हूँ
दिल में क्या क्या है आज समझने दो
किसी सन्नाटे से बेहतर नहीं है ज़िन्दगी
मुझे खुद की आवाज़ सुनने दो
उछली, मचलती, बहती हुई खुशियां
आज अरमानों को परवाज़ चढ़ने दो
मोम की तरह पिघलती हुई रौशनी
मुझे अपनी तरफ कई बार बढ़ने दो
जो कह न पाया आज कहने दो
मैं खुद को ही बहलता रहा हूँ
दिल में क्या क्या है आज समझने दो
किसी सन्नाटे से बेहतर नहीं है ज़िन्दगी
मुझे खुद की आवाज़ सुनने दो
उछली, मचलती, बहती हुई खुशियां
आज अरमानों को परवाज़ चढ़ने दो
मोम की तरह पिघलती हुई रौशनी
मुझे अपनी तरफ कई बार बढ़ने दो